भारतीय पटसन निगम लिमिटेड (भापनि) की स्थापना वर्ष 1971 में हुआ जिसका मुख्य उद्देश्य जूट कृषकगण जो अधिकतम मार्जिनल कृषक हैं, के हितों का रक्षा करते हुए जूट सेक्टर को मजबूत करना है। इन वर्षों में निगम ने जूट कृषकों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और वस्त्र मंत्रालय के विकासात्मक परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करते हुए अपने को उपयुक्त बनाया है। फिर भी बदलती व्यावसायिक जरूरतों के साथ निगम ने मेसर्स डेलॉइट की संस्तुतियों के अनुसार व्यावसायिक प्रक्रिया का पुनर्गठन किया है।
निगम रूपांतरण के दौर से गुजर रहा है और आगे बढ़ने के लिए अपने प्रयास में अन्य सफल सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की सर्वोत्तम क्रिया-कलापों को अपनाने के लिए भी तैयार है। इस यात्रा में भापनि ने इसरो (ISRO) की सहायता से जूट उगाही क्षेत्रों की जियो-मैपिंग, बिचौलियों आदि को खत्म करने के लिए कृषकों को व्यक्तिगत जूट पासबुक प्रदान करने जैसे कुछ नवाचारों को पहले ही चालू कर चुका है।
निगम ने जूट विविध उत्पादों, जूट जियो-टेक्सटाइल्स और जूट एग्रो टेक्सटाइल्स के विपणन पर भी ध्यान केंद्रित किया है। उम्मीद है कि विविध जूट वस्तुओं की मांग और इस प्रकार से संपूर्ण जूट अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।
भापनि के परिवार को मेरी शुभकामनाएं और मुझे विश्वास है कि हम में से हर एक के ठोस प्रयासों से हमारे मिशन और दृष्टि के अनुरूप निपुण वित्तीय, प्रशासनिक और कार्मिक प्रबंधन के साथ-साथ सुचारू एवं सुव्यवस्थित संचालन में निरंतर सुधार होगी।