भारतीय पटसन निगम लिमिटेड (भापनि) को भारत सरकार द्वारा 1971 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जिसे कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा की गई संस्तुतियों के आधार पर भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष घोषित किया जाता है, पर कृषकों से बिना किसी मात्रात्मक सीमा के कच्चे जूट/मेस्ता की खरीद के लिए स्पष्ट अधिदेश के साथ मूल्य समर्थन एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया था। यह जूट कृषकों को बिचौलियों के हाथों शोषण होने से बचाता है। इसका मूल उद्देश्य लाभ कमाना नहीं है बल्कि जूट की खेती में लगे लगभग 4.00 मिलियन परिवारों के हितों की रक्षा करने का एक सामाजिक अभियान है उसमें से अधिकांश छोटे/सीमांत कृषकगण हैं। इसलिए बाजार में भापनि की उपस्थिति कच्चे जूट के कीमतों में स्थिरता प्रदान करती है।
क्रिया-कलाप
परिस्थिति के अनुसार एमएसपी क्रिया-कलाप और वाणिज्यिक क्रिया-कलाप के अंतर्गत कच्चे जूट की खरीद करना। जूट की खरीद भापनि के डीपीसीज और/या सहकारी समितियों के माध्यम से की जाती है।
बी-ट्वील लिंकेज (एमएसपी के अंतर्गत खरीदे गये जूट हेतु) के माध्यम से अथवा ई-निलामी/ई-टेंडर (वाणिज्यिक खरीद हेतु) प्रक्रियाओं के माध्यम से कच्चे जूट की बिक्री करना।
कीमत स्थिरीकरण की प्रक्रिया: विवेकपूर्ण रूप से चुनी गई क्रय और विक्रय मूल्य के माध्यम से वाणिज्यिक व्यापार में भापनि की भागीदारी लगभग पूरे जूट वर्ष में बेहतर स्थिर मूल्य सीमा को बनाए रखते हुए बाजार को नियंत्रित करता है।
विविध व्यापार का क्रिया-कलाप:
भापनि ने विभिन्न जूट के विविध उत्पादों जैसे- जूट शॉपर बैग, जूट बोतल बैग, जूट पैकेजिंग आइटेम्स, जूट स्टेशनरी आइटेम्स जैसे- फाइल-फोल्डर, जूट के गृह सामाग्री आदि के व्यवसायिक क्रिया-कलापें प्रारंभ की है।
भापनि जूट आई-केयर परियोजना के अंतर्गत प्रमाणित जूट बीज का व्यापार कर रहा है और इस प्रकार से हकीकत में (टीएल) मुद्रित नकली गुणवत्ता वाले बीजों के स्थान पर प्रमाणित जूट बीजों के उपयोग के अच्छे परिणाम के बारे में कृषकों के बीच प्रचार/कृषकों को प्रशिक्षित कर रहा है।
जूट आई-केयर परियोजना: भापनि जूट आई-केयर परियोजना की एकमात्र कार्यान्वयन एजेंसी है जिसके माध्यम से जूट कृषकों के बीच उन्नत कृषि तकनीक और रेटिंग तकनीक का प्रचार की जाती है। वैज्ञानिक संगठन जैसे-क्राइजाफ (आई-केयर के अंतर्गत) भापनि के माध्यम से पूरे भारत में जूट कृषक समुदायों को उन्नत तकनीकों की उपयोगिता और उसको अपनाने की सुविधाओं के बारे में सिखाने के लिए बारीकी से जुड़ा हुआ है। प्रत्येक वर्ष भूमि क्षेत्र का कवरेज, कृषकों और वितरण का कवरेज – आई-केयर परियोजना के अंतर्गत प्रमाणित जूट बीजों के बारे में जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ रही है। भापनि आने वाले वर्षों में इस परिचोजना को कई गुणा प्रचारित करने का प्रयास करेगा।
कृषकों के आउटरीच कार्यक्रय: भापनि के पास इस देश की संपूर्ण जूट उगाही वाले क्षेत्रों में इसके खुद के अथवा अपने सहयोगियों जैसे-सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण नेटवर्क संरचना है। इसलिए भापनि भारत सरकार द्वारा अपनाए गए विभिन्न कृषकों के आउटरीच कार्यक्रमों को प्रचारित करने वाला एकमात्र संगठन है। कुछ निम्न प्रकार हैं:
कृषि मेला: भापनि कृषकों को उन्नत खेती की प्रक्रियाओं, प्रमाणित जूट बीजों की उपयोगिता और एनजाइम आधारित रेटिंग प्रथाओं आदि के बारे में कृषकों को जागरूक करने के लिए विभिन्न राज्यों में आयोजित कृषि मेलों में भाग लेता है। विभिन्न सरकारी योजनाएं जैसे-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि और विभिन्न सरकारी पहलें जैसे-कैशलेस भुगतान अभियान और इसकी उपयोगिता – भविष्य में इस तरह के कृषि मेलों के माध्यम से कृषकों के बीच इस सुविधाओं का प्रचार किया जाएगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम: भापनि के अधिकारीगण अपने डीपीसीज में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कृषकों को जूट की गुणवत्ता के बारे में प्रशिक्षण देते हैं और तदनुसार अलग-अलग श्रेणी करते हैं एवं कैसे उन्नत तकनीक को अपनाने से जूट की पैदावार और प्रति एकड़ जमीन की उपज की गुणवत्ता में वृद्धि हो सकती है जो बदले में कृषकों को अधिक रिटर्न दे सकता है। भापनि के पास भविष्य में इन कृषकों के आउटरीच कार्यक्रमों को तीव्रता से करने की योजना है।